Friday, October 2, 2009

नेक दिल



 राले शहर, नार्थ कैरोलाईना में स्थापित गाँधी जी की प्रतिमा



वह

नेक दिल

इन्सान था.

लोगों के लिए

भगवान था.

 

जिसने अपना

सब कुछ लुटाया,

ख़ुद को मिटाया कि

देश आज़ाद हो सके.

 

भावी पीढ़ी

सुख की साँस ले सके.

कुर्बानी उसकी रंग लाई......

देश आज़ाद हुआ,

वह कल की बात हुआ.

 

समय के साथ

जब उसका ध्यान आया.

लोगों का मन

बहुत झुंझलाया .

 

तब

झट से

किसी कंकर

पत्थर की सड़क पर

नाम लिखवाया.

चौराहे पर

बुत लगवाया.

 

विचारों,

आदर्शों को

सीधा श्मशान पहुँचाया

और

गहरे दफनाया.



सुधा ओम ढींगरा

 

8 comments:

पंकज सुबीर said...

आपका ब्‍लाग कई बार प्रयास करने के बाद खुला है । बहुत ही अच्‍छी अभिव्‍यक्ति है । गांधी जी का अब ये ही हाल है । मेरे शहर में भी एक सड़क का नाम गांधी रोड है और ये रोड चकला मोहल्‍ला ( वैश्‍याओं का मोहल्‍ला ) की तरफ जाती है । आपकी पूरी कविता एक अभिव्‍यक्ति है उस पीड़ा की जो गांधी जी के विचारों का समर्थन करने वाले हर किसी के मन में है । सुंदर कविता के लिये बधाई ।

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

वह

नेक दिल

इन्सान था.

लोगों के लिए
भगवान था!
सही है, अफ़्रिका ने उन्हें नेता बना कर भेजा और भारत ने उन्हें महात्मा बना दिया:)

Atmaram Sharma said...

आपने सच ही बयान किया है.

PRAN SHARMA said...

SUDHA JEE ,IS CHHOTEE SEE KAVITA
MEIN AAPNE SAB KUCHH KAH DIYAA HAI.
LEKH HO,KAHANI HO YAA KAVITA HO
AAP GAAGAR MEIN SAAGAR BHARNA KHOOB
JAANTEE HAIN.

"अर्श" said...

दीदी साहब को सादर प्रणाम,
सत्य को जिस बेबाकी से आपने इस भाव्बिह्वल कर देने वाली कविता में कही है आपने वो अपने आप में प्रशंसनीय है ... बापू तो हर जगह अब दिखावे या यों कहें तो निमित मात्र ही है ... सुन्दर कविता के लिए दिल से ढेरो बधाई


अर्श

शशि पाधा said...

सुधा जी,
स्वार्थ से अंधी हुई आज की राजनीति पर एक गहरी चोट है इस रचना में । आज के युग में गांधी जैसे महान पथ प्रदर्शक की आवश्यकता है। अच्छी रचना के लिये बधाई।

शशि पाधा

Roop Singh Chandel said...

गांधी जी पर सार्थक कविता.

चन्देल

kishore ghildiyal said...

gandhiji ko naman karaane ka sarthak prayaas.... bahut bahut dhanyavaad

http/jyotishkishore.blogspot.com