'संवाद सृजन' के लघु कथा विशेषांक में मेरी लघु कथा 'बेखबर' छपी है | भाई
रामेश्वर कम्बोज 'हिमांशु' जी की आभारी हूँ जिन्होंने इसकी कॉपी मुझे भेजी,
हमें तो यहाँ कोई पत्रिका मिलती नहीं | अगर सम्पादक भेजते भी हैं तो कहीं
रास्ते में ही खो जाती हैं |
1 comments:
Anonymous
said...
बहुत सुंदर लघुकथा है सुधा जी.. आजकल बच्चों के साथ पारदर्शिता अपनाने या कि सब कुछ उनके साथ बाँटने का जो नया चलन हो गया है, उस दौड़ में हम यह भूल जाते हैं कि हर बात को समझने और समझाने की सही उम्र होती है .. बच्चे के मनोभावों के माध्यम से आपने यह बात बहुत ही प्रभावी ढंग से सामने रखी है... मंजु मिश्रा http://manukavya.wordpress.com/
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बहुत सुंदर लघुकथा है सुधा जी.. आजकल बच्चों के साथ पारदर्शिता अपनाने या कि सब कुछ उनके साथ बाँटने का जो नया चलन हो गया है, उस दौड़ में हम यह भूल जाते हैं कि हर बात को समझने और समझाने की सही उम्र होती है .. बच्चे के मनोभावों के माध्यम से आपने यह बात बहुत ही प्रभावी ढंग से सामने रखी है...
मंजु मिश्रा
http://manukavya.wordpress.com/
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