गर्भनाल के नवम्बर अंक में बी.बी.सी के हिंदी विभाग की
पूर्व अध्यक्ष एवं साहित्यकार अचला शर्मा से मेरी बातचीत पढ़ें |
लिंक है -- www.garbhanal.com
'' कथाबिम्ब'' पत्रिका के जुलाई -सितम्बर अंक 2010 में आप मेरी
कहानी '' फन्दा क्यों..'' पढ़ें |
लिंक है -- http://www.kathabimb.com/
Saturday, November 13, 2010
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2 comments:
गर्भनाल में तो आप लगातार लिखती रहती हैं और हम लगातार पढ़ते रहते हैं। बधाई स्वीकारें॥
सुधा जी धन्यवाद अभी आपका अचला शर्मा जी के साथ साक्षात्कार पढा। उनके बारे मे विस्तार से जान कर बहुत खुशी हुयी उन्हें बहुत बहुत बधाई । वाकई आपका श्रमसाध्य काम काबिले तारीफ है। विदेश मे रह कर हिन्दी के लिये आपकी सेवायें साहित्य जगत के इतिहास मे सदैव याद रखी जायेंगी। शिखा जी की रचना भी पढी। बाकी अभी पढनी है। बहुत स्तरीय पत्रिका है। बधाई।
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