Friday, May 7, 2010

हिंदी चेतना अप्रैल- जून अंक २०१०

लीजिये एक बार पुनः हिंदी चेतना आपके पास है. 

अपनी भाषा में अपने लोगों के पास. 

आपकी प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहेगी.

हिन्दी चेतना में इस बार ..... 

- कहानियाँ-- उसके हिस्से का पुरुष (पुष्पा सक्सेना),


  खो जाते हैं घर (सूरज प्रकाश), तमाचे (प्रतिभा सक्सेना),


  खुल जा सिमसिम (सुषम बेदी)

- संस्मरण-- एक दरवाज़ा बंद हुआ तो दूसरा खुला -डॉ. अंजना संधीर

 - हिन्दी ब्लाग में इन दिनों-- आत्माराम शर्मा

- व्यंग्य-- समीर लाल समीर, पराशर गौड़ , प्रेम जन्मेजय

- कविताएँ-- रविकांत पाण्डेय, रचना श्रीवास्तव, सरस्वती माथुर,


   राजीव रंजन, योगेन्द्र शर्मा, नरेंद्र टंडन, गजेश धारीवाल, बी एस श्रीवास्तव


-ग़ज़ल -मेजर गौतम राजरिशी, सतपाल ख्याल, चाँद शुक्ला हदियाबादी


- अमेरिका, कैनेडा , यू.के , भारत से कई लेख, साहित्यिक समाचार


- और भी बहुत कुछ - रोचक और पठनीय

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Hindi Chetna Team ( हिन्दी चेतना टीम )

1 comments:

Udan Tashtari said...

हिन्दी चेतना का नया अंक पाकर अत्यंत प्रसन्नता हुई. पठन जारी है.